केरल के त्रिपायर क्षेत्र में स्थित ये मंदिर उसी नाम की नदी के तट पर स्थित है |इस मंदिर के बारे में कई बातें प्रचलित हैं | कोई कहता है की यहाँ के मुखिया को ये मूर्ति नदी के पानी में तैरती मिली थी |इस मूर्ति में शिव, विष्णु और ब्रह्मा तीनों के तत्व मोजूद हैं इसलिए इसे त्रिमूर्ति की तरह पूजा जाता है |मंदिर के अंदर के गर्ब्ग्रह है और नमस्कार मंडप हैं | यहाँ रामायण काल की कलाकृतियाँ आपको देखने को मिल जाती हैं |यह मंदिर अरट्टूपुझा पूरम उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।

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