कौरवों की सेना बेहद सशक्त थी और उसमें कई ऐसे योद्धा थे जो किसी को भी हराने की क्षमता रखते थे |इसके बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा | ऐसा इसलिए क्यूंकि जब दुर्योधन से श्री कृष्ण ने नारायणी सेना और स्वयं में चुनाव करने को कहा तो उसने सेना को चुनना बेहतर समझा | कृष्ण तो खुद भगवान थे सत्य का प्रतीक इसलिए जहाँ वह हैं वहां तो जीत निश्चित है | अगर आप भी सही रास्ते पर चलते हैं तो हो सकता है आपको तकलीफ हो लेकिन आप का भविष्य अति खूबसूरत होगा इसलिए सत्य की राह से हटे नहीं |
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