यह कहानी उत्तर भारत की है जहा एक सुंदर और अच्छे व्यक्तिमत्व वाला युवराज था जो हमेशा बहुत सज धज के रहता था | उससे बहुत सारी लडकिया आकर्षित होती थी | जब उसे शादी करने को कहा तब उसने एक राजकुमारी बहुत पसंद आयी जिससे उसने शादी की | उन दिनों एक मर्द अनेक विवाह कर सकते थे | लेकिन उस युवराज को अपने पत्नी से अधिक प्रेम था इसिलिये उसने और शादी नही की | कुछ साल गुजरने के बाद एक दिन वह राजा बन गया | एक दिन वह अपने महल के सामने वाले रस्ते से गुजर रहा था तब उसने पेड़ के निचे बैठे भिकारी से मुलाकात हुवी |

तब राजा ने अपने मंत्री से कहा यह भिकारी कितना गंदा है , पता नहीं कितने दिन से नहाया नहीं होगा | तब भिकारी ने कहा "क्या बात करते हो मालिक , मुझसे एक रानी बहुत प्यार करती है और हर दोपहर मेरे लिए खाना लेकर आती है | " तब राजा को यकीन नही हुवा | दूसरे दिन राजा छुप कर देख रहा था के कही भिखारी सच तो नही कह रहा है |

तब उसने देखा की उसकी रानी खाना लेकर आयी और भिखारी से प्यार से बात करने लगी | तब राजा को बहुत गुस्सा आया | उसने रानी और भिखारी को फांसी की सजा सुनायी | तब मंत्रियो ने समझा बुझाकर राजा को ऐसा करने से रोका | तब राजा ने रानी और भिखारी को उसका राज्य छोड़कर जाने का आदेश दिया |  तब रानी ख़ुशी से उस भिखारी के साथ दूसरे राज्य चली गयी |

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