एक राजा के यहा घंटा बनाने कि लिये एक शिल्पकार को बुलाया परंतु उसके हाथ से व्ह घंटा बन नही प रही ठी तब बेचारे कुवान-यू को क्या मालूम कि उसकी बेटी इतने विश्वास के साथ क्यों बोल रही है उसे क्या खबर थी कि उसकी बेटी के मन में क्या है? फिर भी उसे उस पर बड़ा विश्वास था और वह जानता था कि, वह कभी झूठ नहीं बोलती। इसलिए फिर उसने घण्टा ढालने की तैयारी कर दी। जब यह दिन आया तो बहुत लोग तमाशा देखने आए।