यह कहानी एक वास्तविक व्यक्ति के वास्तविक जीवन पर आधारित है । एक स्त्री होने के अपने ही संघर्ष है, विशेषकर तब जब वह समाज के उस रूढ़िवादी वर्ग से हो, जहां हर सपने की कीमत चुकानी पड़ती हो । एक महिला के डॉक्टर बनकर समाज में गौरव पाने की ये कहानी आपको कितना स्पर्श करेगी और कितना प्रोत्साहित करेगी , यह आपकी प्रतिक्रियाओ से ही भान होगा । अपना समय और स्नेह देने के लिए आभार !
Sai Satcharitra is the story of Sai baba.
गुप्त हनुमान मंत्र साधना एक अध्यात्मिक साधना है जिससे आपको रामभक्त हनुमानजी का अनुग्रह काफी जल्दी प्राप्त हो शकता है .
यह एक काल्पनिक कथा है जो एक ऐसे किताब के बारेमें है जिसमे पशु पक्षियों से बात करनेके गुप्त मन्त्र थे। Story of Nilavanti book.
यह एक काल्पनिक कथा है| इसमे परियो के देश कि कहानी है..!
यह पुरी मे स्थित भगवान जगन्नाथ कि सच्ची जन्मकथा का वर्णन है...! यह कथा इतने सालो बाद भी उतनीही रोचक मालूम पडती है...!
यह एक मजेदार कहानी है जो तब कि है जब लोगोंके पास आईना नाही होता था...!
यह कहानी है एक सच्चे आदमी कि जिसने आपनां मान बचाने के लिये न कि हुई गळती को भी मान लिया था.! यह कहानी से हमे सिख मिलती है कि इमानदारी कि हमेशा जीत होती है...
यह एक आदमी कि रोचक कथा है जिसमे उसके जीवन मे एक साधू के आने से होने वाले उलथ पुल्थ कि कथा
एक गाँव में एक बूढ़ा रहता था। उसका नाम क्या था यह तो मुझे नहीं मालूम। लेकिन गाँव के लोग उसे 'बाबा' कहते थे। बाबा बड़ा विद्वन, बुद्धिमान और दयावान था। उस गाँव के सब लोग उसका बड़ा सम्मान करते थे। उस गाँव का मुखियाँ भी वही था। गाँव के छोटे बच्चे बाबा को बहुत प्यार करते थे बाबा को देखे बिना और उससे कुछ बात किए बिना बच्चों को कल नहीं पड़ती थी। यह कथा इस बाबा के सुझ बुझ कि है...!
एक गाँव में एक ग़रीब ब्राह्मण रहता था। यह बड़ा विद्वान था। लेकिन उन दिनों विद्वानों की उतनी पूछ-खबर नहीं थी। इसलिए बेचारा ब्राह्मण ग़रीबी से छुटकारा नहीं पा सका। इस पर उसका परिवार भी बहुत बड़ा था। बाल-बच्चे बहुत थे और कमाने वाला कोई नहीं था। आखिर एक दिन ब्राह्मण अपनी जिंदगी से तंग आ गया। वह घर में किसी से कहे-सुने बिना चुपचाप काशी की ओर निकल गया। उसके जीवन को जो मोड आय व्ह भूतही रोचकता से इसमे बताया है....!
एक गाँव में छरियाराम नाम का एक बडा धूर्त उग रहता था। नजदीक ही के एक दूसरे गाँव में एक और ठग रहता था, जिसका नाम था कपटीराम। दोनों लोगों को ठगने में एक दूसरे से बढ़कर थे। संयोगवश ये दोनों एक दिन किसी जगह मिले। फिर जो हुआ वह इसमे बताया है...
एक राजा के यहा घंटा बनाने कि लिये एक शिल्पकार को बुलाया परंतु उसके हाथ से व्ह घंटा बन नही प रही ठी तब बेचारे कुवान-यू को क्या मालूम कि उसकी बेटी इतने विश्वास के साथ क्यों बोल रही है उसे क्या खबर थी कि उसकी बेटी के मन में क्या है? फिर भी उसे उस पर बड़ा विश्वास था और वह जानता था कि, वह कभी झूठ नहीं बोलती। इसलिए फिर उसने घण्टा ढालने की तैयारी कर दी। जब यह दिन आया तो बहुत लोग तमाशा देखने आए।
पुराने जमाने में स्वामी भोजनानन्द नामक एक कपटी साधु रहता था। वह गाँव-गाँव घूमकर लोगों को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाता और लम्बे लम्बे उपदेश देता था। यही उसका पेशा था। अन्य लोग उसे बड़ा भारी भक्त समझते थे। उसने लम्बी दाढ़ी बढ़ा ली थी और गेरुण वस्त्र पहन लिए थे। गले में रुद्राक्ष की मालाएँ भी लटकती थीं। जहाँ चार आदमी मिल जाते वहीं यह व्याख्यान देने लगता... यह कहानी इसी साधू और उसके चेले कि है...
एक समय एक राजा रहता था। उस राजा के कोई लड़का न था। सिर्फ एक लड़की थी। उसका नाम था गौरी| गौरी के छुटपन में ही उसकी माँ स्वर्ग सिधार गई थी। इसलिए राजा ने उसे बड़े लाड-प्यार से पाला। उसे कभी किसी चीज़ की कमी न होने दी। यों ज्यादा प्यार-दुलार पाने से वह लड़की सिर-चढ़ी हो गई।
एक समय वनकुमारी नामक एक सुन्दरी बालिका थी। यह जैसी सुन्दरी थी, बुद्धि भी उसकी वैसी ही पैनी थी। वह हमेशा समुंदर के किनारे नाग कन्याओं के साथ खेलती रहती थी। उसकी माता का नाम था वनदेवी। धरती पर सब तरह के पेड़-पौधे, बेल-बूटे कौरह उपजाना उसी का काम था। उसी की आज्ञा से पेड़ों में फल लगते और पौधों में फूल। खेतों में धान उपजता और बाड़ियों में तरकारियाँ। उसी की कृपा से मैदानों में मुलायम हरी-हरी घास बिछ जाती। उसका नाम भी इसी से 'वनदेवी’ पड़ गया था। यह कथा उस वनदेवी के बेटी कि है.....!
सैकड़ों बरस पहले की बात है। धारानगर में धरमू नाम का एक चमार रहता था। वह अपने भाई-चामरोन्की तरह वह भी जूते बना कर अपनी रोज़ी रोटी चलाता था। वह उस गाव की चौकीदारी का काम भी करता था। यह कथा उसके ऋण क बोझ कि है जो उतरने के हेतू वह पुरा जीवन व्यतीत कर देता है..
“सर्वम् खल्विदं ब्रम्हासी । सारा संसार ब्रह्ममय है। मुझ में, तुझ में, ईंट-पत्थर में, पेड-पौधों में कीडे-मकोडों में, हर जगह, हर चीज में ब्रम्ह है।”
किसी गाँव में एक ब्राह्मण रहता था। अगर कोई भूला-भटका राही उसके घर या जाता तो वह उसकी बड़ी आव-भगत करता और बड़े प्रेम से खिलाता-पिलाता था। उसके घर से कोई भी दीन-दुखिया भूखा वापीस नहीं जाता था। अगर किसी दिन संयोग वश कोई मेहमान उसके घर नहीं जाता तो वह खुद किसी को ढूँढ़ लाने को निकल जाता। इस तरह जब बहुत दिन बीत गए तो एक दिन ब्राह्मण को यह जानने की इच्छा हुई कि इस तरह सदाव्रत करने का फल क्या होता है ?
एक शहर में एक राजा रहता था। वह बढ़ा शकी था। अपनी इस कमजोरी के कारण वह कभी-कभी बड़ी मुसीबत में पड़ जाता था। उसी शहर में बच्चूराम नाम का एक बड़ा धूर्त ज्योतिषी रहता था। यह अपने को बड़ा भारी ज्योतिषी कहता था और लोगों को ठगता फिरता था। लेकिन वास्तव में यह ज्योतिष विद्या बिलकुल नहीं जानता था। पर अपनी चतुराई से यह थोड़े ही दिन में मशहूर हो गया।
पुराने जमाने में एक राजा था| उसकी इकलौती बेटी का नाम सुशीला था। राजा ने लड़की को बड़े लाड़-प्यार से पाला। उसे किसी चीज़ की कमी न होने दी। सयानी हो गई तो लेकिन तब वह लड़की कि वजह से राजा और रानी में झगड़ा उठ खड़ा हुआ। यह कहानी मे लिखा है कि कैसे विधी का विधान कोई नही बदल सकता|