सब में ब्रह्म है !

“सर्वम् खल्विदं ब्रम्हासी । सारा संसार ब्रह्ममय है। मुझ में, तुझ में, ईंट-पत्थर में, पेड-पौधों में कीडे-मकोडों में, हर जगह, हर चीज में ब्रम्ह है।”

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