“ग़ालिब” उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। ग़ालिब नाम से लिखने वाले मिर्ज़ा मुग़ल काल के आख़िरी शासक बहादुर शाह ज़फ़र के दरबारी कवि भी रहे थे। आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों को लिए याद किया जाता है। प्रस्तुत है मिर्ज़ा ग़ालिब की कुछ रचनाएँ|