कॉलेज में विकास की सहपाथी रोज थी। विकास दिल्ली के मशहूर व्यापारी दिवान चन्द खन्ना के पुत्र और रोज अमेरिकन दूतावास में कार्यरत उच्च अधिकारी मिस्टर सिंपसन की पुत्री, दोनें में धनिष्ठता थी। अच्छे मित्र थे। एक साथ कॉलेज आना, पढना और क्लब जाना, खेलना। खन्ना परिवार की पटेल नगर में भव्य कोठी के साथ छतरपुर में पांच एकड का फार्म हाउस था। पेज थ्री पार्टियों की जान थे विकास और रोज। कॉलेज की पढाई के बाद विकास परिवार के व्यापार से जुड गया, रोज के पिता का ट्रांसफर अमेरिका में हो गया। रोज पिता के साथ अमेरिका चली गई। विकास की मुलाकात रश्मि से एक पार्टी में हुई। रश्मि शहर के दूसरे मशहूर व्यापारी सहगल परिवार की पुत्री। विकास और रश्मि उस पार्टी में पहली नजर में ही एक हो बैठे और फिर विवाह के पवित्र बंधन के बाद एक हो गए। विकास का पार्टी में आना जाना बना रहा, लेकिन पुत्री राधिका के जन्म के पश्चात रश्मि पार्टियों से कट गई। पुत्री के लालन पालन का पूरा जिम्मा खुद उठाया। नौकरों की कोई कमी नही, लेकिन वे मां का प्यार तो नही दे सकते। परवरिश के लिए वह घर में सिमट गई।

लगभग पांच साल अमेरिका में बिताने के बाद रोज भारत आई। वह एक एनजीऔ से जुडी हुई थी। विकास से मुलाकात हुई। रश्मि पुत्री राधिका की परवरिश में व्यस्त रहती थी। पेज थ्री की पार्टियों में मिलना शुरू हुआ। विकास ने उसके छतरपुर फार्म हाउस में ठहरने की व्यवस्था की। विकास ने अपनी शादी की बात छुपाई और चुपके से रोज से विवाह कर लिया। परिवार के लोग फार्म हाउस आते थे, तो रोज के रहने के लिए साकेत में फ्लैट ले लिया। लेकिन इश्क और मुश्क छुपाए नही छुपते। बात निकलती है और दूर तक पहुंचती है। पेज थ्री के गलियारे से निकल कर मीडिया में भी छा गई। खन्ना और सहगल परिवार में तनाव हो गया। विकास रोज को छोडने के लिए तैयार नही था।

दिवान चन्द को अपनी प्रतिष्ठता की फ्रिक थी। लडका परिवार की इज्जत मिट्टी में मिलाने पर तुला हुआ है। अच्छी भली गृहस्थी पर लात मार कर फिरंगन के पीछे लट्टू की तरह नाच रहा है। कल वापिस अमेरिका चली गई, तब क्या होगा? सोने जैसी पत्नी फिर नही मिलेगी। थोडी देर की अय्याशी के पीछे पूरी जिन्दगी बर्बाद कर रहा है। अपने अनुभवों को पुत्र के सामने रखे, परन्तु पुत्र की आंखों पर से रोज का पर्दा उठ नही रहा था। एक दिन ससुर दिवान चन्द ने रश्मि से कहा – “बेटी, विकास नादानी कर बैठा है। लेकिन यह किसी के हित में नही है। खुद उसके हित में भी नही है, अभी वह इस बात को समझ नही रहा है, परन्तु रोज के साथ नाता जोड कर खुद अपने पैर पर कुल्हाडी मार रहा है। मेरा अनुभव कहता है, रोज एक दिन उसे छोड कर कभी भी चली जाएगी, उसे तेरे पास आना ही पडेगा। बात तुमने संभालनी है।“

उधर रश्मि के पिता विकास और खन्ना परिवार के खिलाफ हो गए और रश्मि से कहा “ऐसे आदमी के साथ जिन्दगी बिताने का कोई फायदा नही, जो दूसरी औरत के चक्कर में अपनी गृहस्थी खराब कर रहा है। तलाक ही एकमात्र उपाय है।“

रश्मि के मन मस्तिष्क में अपनी शादी बचाने के साथ अपने, बच्चे के भविष्य, ससुराल और माएके का मान मर्यादा, इज्जत और प्रतिष्ठता भी देखनी है। वह तलाक के बाद विकास को आजाद कर दे, परन्तु क्या वह दूसरा विवाह कर सकेगी। वह ना तो यूरोपियन है ना ही अमेरिकन, जहां तलाक एक खेल है, आज शादी, कल तलाक, परसों फिर विवाह। जितने विवाह कर लो, जितने तलाक कर लो, किसी को फर्क नही पडता। लेकिन भारतीय समाज आज भी उतना उन्नत नही है। रश्मि उलझन में थी कि क्या करे।
उलझन में एक दोपहर आईने के सामने बैठी थी। कंघी हाथ में, पर मन कहीं और विचरित था। कमरे का दरवाजा खुला, आईने में से ही देखा, विकास आया है। रश्मि गुमसुम सी बैठी रही। विकास कुर्सी पर आराम से बैठ गया और रश्मि से बोला “क्या सोच रही हो?”
“कुछ नही, तुम कहो, आज दोपहर में घर आए।“
“पिता जी ने भेजा है, कह रहे थे, तुम्हे मेरे से जरूरी काम है। बोलो क्या काम है?”
रश्मि समझ गई कि ससुर जी ने बात को संभालने वाली जो बात कही थी, उसी कारण विकास को दोपहर के समय घर भेजा, ताकि कुछ बात हो जाए।
“हां, बात जरूरी है, तुमने तो घर आना ही छोड दिया, सारा दिन कहां रहते हो, कि पत्नी के लिए भी फुर्सत नही।“
“देख रश्मि, आज मैं साफ कह रहा हूं, कि मैं रोज के साथ रहूंगा। उसके साथ शादी करूंगा। अब मैं तुम्हारे साथ नही रह सकता। मैं तलाक की सोच रहा हूं। तुम अपनी सहमति दे दो, ताकि तलाक अति शीघ्र हो।“
“आखिर रोज के साथ विवाह की इतनी जल्दी क्यों है?”
“रोज रोज है, तुम उसका किसी भी बात में मुकाबला नही कर सकती। उसमें कुछ अलग सी बात है।“
“कभी मेरे बारे में भी यही कहते थे।“
“खुद उसके सामने खडे होकर देखो, अपने आप महसूस कर लोगी।“
“लेकिन सोच लो, रोज कुर्ते पर सजाने के लिए होता है, गले लगाने के लिए नही।“
“क्या मतलब है तुम्हारा?”
“रोज में कांटे होते है। संभल कर रहना। चुभ गया तो तकलीफ होगी।“
यह सुन कर विकास तिलमिला गया और वहां से चला गया।

दिवान चन्द के व्यापार में रश्मि हाथ बटाने लगी। विकास अकसर रोज के साथ रहने लगा। रश्मि के साथ लगभग न के बराबर रहता था। विकास और रोज पेज थ्री पार्टियों में पति पत्नी थे।

दिवान चन्द के कहने के बाद रश्मि ने विकास के दूसरे विवाह को गैर कानूनी घोषित करने के लिए कोर्ट में मुकदमा कर दिया। कोर्ट केस पर रोज विकास से नराज हो गई कि उसने पहली शादी छुपाई। कोर्ट केस शुरू हुआ। सारा मीडिया केस की पल पल की खबर दे रहा था। पेज थ्री सर्कल में हर मशहूर हस्ती हैरान था, कि विकास बिना तलाक के रोज से दूसरा विवाह किया है। बहुत गवाहियां हुई, बहुतों ने रोज के पक्ष में गवाही दी। रश्मि की अहम गवाही पर सारा दामोदार था।

अदालत खचाखच भरी हुई है। एक इंच भी जगह खाली नही है। वकील, नागरिक और मीडिया सभी को अदालत में स्थान चाहिए। सभी उपस्थित जन खुसर पुसर कर रहे हैं, कि आज केस में क्या होगा? सबकी अपनी अपनी राय है। अटकलों का बाजार गर्म है। कुछ तो शर्त तक लगा रहे है, कि आज क्या बयान दिए जाएगें। ठीक दस बजे जज सविता बजाज अदालत में आई। सभी उपस्थित जन अपनी सीट से खडे हो गए। न्यायाधीश महोदया ने सबको बैठने को कहा। जज महोदया के आने के बाद भी खुसर पुसर कम नही हुई, तब शान्ति के लिए कहा
“ऑर्डर ऑर्डर, साईलेन्स प्लीज”
सब शान्त हो गए। पहले और केसों की सुनवाई हुई। बहुचर्तित केस सबसे बाद में सुनवाई के लिए आया। सब की उत्सुक्ता रश्मि के बयानों पर थी, कि रश्मि क्या बयान देगी। सबकी नजरे रश्मि पर टिकी हुई है। खन्ना परिवार की बहू रश्मि खन्ना का बयान दर्ज होना है। तभी आवाज लगी।
“रश्मि खन्ना”

रश्मि जो अब तक एक कोने में बैठी थी, उठ कर जज के सामने विटनेस बॉक्स में आई। आज उसने अपने विवाह का जोडा पहना हुआ है। सुर्ख गुलाबी लहंगा साडी। उम्र सत्ताईस वर्ष, खूबसूरती की मिसाल, रंग गोरा, कद पांच फुट पांच इंच, छरछरा बदन। सभी की निगाहें रश्मि पर टिक गई। वैसे तो खन्ना परिवार पेज थ्री पर छाया रहता है, परन्तु रश्मि पेज थ्री की पार्टियों में कम ही नजर आती है। पुत्री राधिका, जो अब दो वर्ष की हो गई है, उसकी परवरिश में ही रहती है। घर में नौकरों, चाकरों की कोई कमी नही है, लेकिन रश्मि ने राधिका को मां का पूरा प्यार दिया। आज उसका बयान है। रश्मि विटनेस बॉक्स में आई और सच बोलने की शपथ ली।
वकील – “आपका नाम?”
“रश्मि”
वकील – “आपका खन्ना साहब से क्या रिश्ता है?”
कुछ कुटिल मुस्कान के साथ रश्मि ने जवाब दिया “सब जानते है मेरा खन्ना परिवार के साथ रिश्ता, शायद आपको छोड कर।“
वकील झुंझला कर – “आपसे जो पूछा है, उसका उत्तर दीजिए। इधर उधर की बातों से अदालत को मत भटकाऐं।“
मुस्कान के साथ – “ठीक है, पूछिए।“
वकील – “अब आप बताए खन्ना के साथ रिश्ता।“
रश्मि ने जज महोदया की ओर मुंह करके कहा – “मैं खन्ना परिवार की बहू हूं। दिवान चन्द खन्ना की बहू और विकास खन्ना की पत्नी।“
वकील – “आप कहां रहती हैं।“
“खन्ना परिवार की पुरानी पुशतैनी पटेल नगर वाली कोठी में अपने पति, बेटी, सास ससुर और छोटी ननद के साथ।“
वकील – “आप झूठ बोल रही हो। विकास खन्ना आप के साथ पटेल नगर वाली कोठी में नही रहते है।“
“वकील साहब, मैं झूठ क्यों बोलूगी? मैं अपने पति विकास खन्ना के साथ पटेल नगर वाली कोठी में ही रहती हूं। मैं आपको पहले भी कह चुकी हूं और वोही बात फिर कह रही हूं।
कोठी में हमारे साथ विकास के माता पिता और छोटी बहन भी रहते है। हमारा संयुक्त परिवार है।“
वकील – “सामने जो खडी है, उनको जानती हैं क्या आप?”
“यदि आपका ईशारा सामने खडी महिला, जिसका नाम रोज है, जानती हूं।“
वकील – “विकास खन्ना आपके साथ नही रहते हैं, वो रोज के साथ छतरपुर वाले फार्म हाउस में रहते है।“
“छतरपुर में हमारा फार्म हाउस है, हम अक्सर आते जाते रहते है, लेकिन निवास हमारा पटेल नगर में ही है, क्योंकि ऑफिस और दुकान चांदनी चौक में हैं, छतरपुर काफी दूर पडता है, इसीलिए निवास पटेल नगर में ही है। छतरपुर हम छुट्टियों में ही रहते है। हर शनिवार फार्म हाउस जाते है और रविवार रात को वापिस पटेल नगर आ जाते है। आपने यह क्यों पूछा, कि रोज छतरपुर वाले फार्म हाउस में रहती है। हमारा उससे कोई रिश्ता नही है।“
वकील – “सबको मालूम है, कि रोज के साथ आपके पति विकास ने विवाह किया है आपको घर से बेदखल कर दिया है।“
रश्मि ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा “आप झूठ बोल रहे है। मैं अभी भी खन्ना परिवार का अभिग्न अंग हूं। मैं, विकास, हमारी बेटी राधिका पटेल नगर वाली कोठी में एक साथ रहते है। रोज के साथ विवाह की बात एकदम झूठ है। आपके पास क्या कोई सबूत है?”
वकील – “मीडिया में रोज चर्चा हो रही है, पेज थ्री में सभी की जुबान पर यह चर्चा है।“
“वकील साहब, अफवाह फैलाने वाले देश के दुश्मन है। आप उनमें कब से शामिल हो गए है।“
यह सुन कर अदालत में एक ठहाका सा गूंजा। वकील साहब का मुंह उतर गया। लोगों की खुसर पुसर शुरू हो गई। ऑर्डर ऑर्डर कह कर जज महोदया ने सब को शान्त किया।
वकील – रोज का कहना है, कि विकास ने शादी की है और दोनों एक साथ छतरपुर फार्म हाउस में रह रहे है।
“वकील साहब, छतरपुर में सिर्फ दो नौकर रहते है, फार्म हाउस की देखभाल के लिए। हम, अर्थात विकास, मैं, हमारी पुत्री राधिका, मेरे सास-ससुर, छोटी ननद हर छुट्टी वाले दिन फार्म हाउस जाते हैं। हमारे रिश्तेदार, जिसमें मेरे माएके, मेरी ससुराल के सदस्य छुट्टी के दिन हमारे साथ होते हैं। आप फार्म हाउस के दोनों नौकरों का बयान भी सुन चुके है, सभी का यही कहना है, कि रोज वहां नही रहती है। यदि उसने विकास के साथ विवाह किया है, तो वह गैरकानूनी है। एक पत्नी के होते दूसरे विवाह की अनुमति न तो हिन्दू समाज देता है, न ही हिन्दू मैरिज एक्ट देता है।“

इतना सुनने के बाद वकील साहब ने और कोई प्रश्न नही पूछा। रश्मि अपनी सीट पर बैठ गई। मीडिया को उम्मीद थी कि रश्मि पति विकास से विरूद्ध बयान देगी, और रोज केस जीत जाएगी। विकास और रश्मि का तलाक हो जाएगा, परन्तु ऐसा नही हुआ। रोज अपनी शादी कानूनी साबित नही कर सकी। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी। रश्मि ने मिसाल पेश की है। आधुनिक भारतीय महिला होते हुए भी उसने भारतीय मूल्यों, संस्कारों को अपनाते हुए अपने विवाह के समय लिए वचनों का मान किया है। अपना, अपने परिवार और ससुराल का सिर गर्व से ऊंचा किया है। सभी उसकी तारीफ कर रहे थे। रश्मि गरिमाशाली मुस्कान के साथ अपने सास, ससुर के साथ कार में बैठ कर पटेल नगर कोठी की ओर रवाना हुई। पीछे कार में विकास के साथ उसकी छोटी बहन थी। रोज अकेली रह गई।
विकास के कानों में रश्मि की कही बात बार बार गूंज रही थी। रोज के साथ कांटे होते है। रोज को गले नही लगाया जाता। आज कांटा चुभ गया। विकास को मजबूरन घर जाना पडा। कुछ दिनों के बाद रोज वापिस अमेरिका चली गई। विकास रश्मि के साथ आंख नही मिला सका। दिवान चन्द ने व्यापार की बागडोर रश्मि को दे दी। विकास रह गया सिर्फ प्यादा बन कर।

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