श्री गणेशाय नमः ।
नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ध्रु ॥
करुणापारावार वरुणालयगम्भीर ॥नारायण ॥१॥
घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाश ॥नारायण ॥२॥
यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार ॥नारायण ॥३॥
पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान ॥नारायण ॥४॥
मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष ॥नारायण ॥५॥
राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक ॥नारायण ॥६॥
मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद ॥नारायण ॥७॥
बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड ॥नारायण ॥८॥
वारिजभूषाभरण राजिवरुक्मिणीरमण ॥नारायण ॥९॥
जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र ॥नारायण ॥१०॥
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥नारायण ॥११॥
अघबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥नारायण ॥१२॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥नारायण ॥१३॥
दशरथराजकुमार दानवमदसंहार ॥नारायण ॥१४॥
गोवर्धनगिरिरमण गोपीमानसहरण ॥नारायण ॥१५॥
शरयूतीरविहार सज्जनऋषिमन्दार ॥नारायण ॥१६॥
विश्वामित्रमखत्र विविधपरासुचरित्र ॥नारायण ॥१७॥
ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद ॥नारायण ॥१८॥
जनकसुताप्रतिपाल जय जय संसृतिलील ॥नारायण ॥१९॥
दशरथवाग्धृतिभार दण्डकवनसञ्चार ॥नारायण ॥२०॥
मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार ॥नारायण ॥२१॥
वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य ॥नारायण ॥२२॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥नारायण ॥२३॥
जलनिधिबन्धनधीर रावणकण्ठविदार ॥नारायण ॥२४॥
ताटीमददलनाढ्य नटगुणविविधधनाढ्य ॥नारायण ॥२५॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥नारायण ॥२६॥
सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार ॥नारायण ॥२७॥
अचलोद्धृतिचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ॥नारायण ॥२८॥
नैगमगानविनोद रक्षःसुतप्रह्लाद ॥नारायण ॥२९॥
भारतीयतिवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर ॥नारायण ॥३०॥
। इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं नारायणस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ध्रु ॥
करुणापारावार वरुणालयगम्भीर ॥नारायण ॥१॥
घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाश ॥नारायण ॥२॥
यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार ॥नारायण ॥३॥
पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान ॥नारायण ॥४॥
मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष ॥नारायण ॥५॥
राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक ॥नारायण ॥६॥
मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद ॥नारायण ॥७॥
बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड ॥नारायण ॥८॥
वारिजभूषाभरण राजिवरुक्मिणीरमण ॥नारायण ॥९॥
जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र ॥नारायण ॥१०॥
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥नारायण ॥११॥
अघबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥नारायण ॥१२॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥नारायण ॥१३॥
दशरथराजकुमार दानवमदसंहार ॥नारायण ॥१४॥
गोवर्धनगिरिरमण गोपीमानसहरण ॥नारायण ॥१५॥
शरयूतीरविहार सज्जनऋषिमन्दार ॥नारायण ॥१६॥
विश्वामित्रमखत्र विविधपरासुचरित्र ॥नारायण ॥१७॥
ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद ॥नारायण ॥१८॥
जनकसुताप्रतिपाल जय जय संसृतिलील ॥नारायण ॥१९॥
दशरथवाग्धृतिभार दण्डकवनसञ्चार ॥नारायण ॥२०॥
मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार ॥नारायण ॥२१॥
वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य ॥नारायण ॥२२॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥नारायण ॥२३॥
जलनिधिबन्धनधीर रावणकण्ठविदार ॥नारायण ॥२४॥
ताटीमददलनाढ्य नटगुणविविधधनाढ्य ॥नारायण ॥२५॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥नारायण ॥२६॥
सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार ॥नारायण ॥२७॥
अचलोद्धृतिचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ॥नारायण ॥२८॥
नैगमगानविनोद रक्षःसुतप्रह्लाद ॥नारायण ॥२९॥
भारतीयतिवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर ॥नारायण ॥३०॥
। इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं नारायणस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
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