सितारों के आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़[1] के इम्तिहाँ[2] और भी हैं

तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ायें
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं

क़ना'अत[3]न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू[4]पर
चमन और भी, आशियाँ[5]और भी हैं

अगर खो गया एक नशेमन तो क्या ग़म
मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ[6]और भी हैं

तू शाहीं[7]है परवाज़[8]है काम तेरा
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं

इसी रोज़-ओ-शब [9]में उलझ कर न रह जा
के तेरे ज़मीन-ओ-मकाँ [10]और भी हैं

गए दिन के तन्हा था मैं अंजुमन [11]में
यहाँ अब मेरे राज़दाँ [12]और भी हैं

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