लहू अगर लहू है बदन में तो ख़ौफ़[1] है न हिरास[2] अगर लहू है बदन में तो दिल है बे-वसवास[3] जिसे मिला ये मताए-ए-गराँ बहा[4] उसको नसीमो-ज़र[5] से मुहब्बत है, नै ग़मे-इफ़्लास[6]