सगरमें बाजी पतालमें बाजी । जीत देखो उत बाजी । धीम धीम चलत । थय थय नाचत ।
ये दील बांदरा रज्या तल बुडके चने । बार बार उठ उठ लेट लेट । कहूं तो चुपीच लेट । तैं मेरा नाम क्या पूछे गा भाई ।
नाम कहूं तो अजप । अवल मुजे नाम नथा । दरभ्यान सौ पैदा हुवा । आलेखनकु बाल पलटाया ।
सलेखनकु मार चलाया । तुटा फाटा न्हाये । उस शेहेरमें हैं पेटा । व्हाबी बडे बडे महाजन बेटे हैं ।
कछु देवे कछु दिलावे । आजका दिन देनेका । आजका दिन लेनेका । दिल जाने सो देख ।
सरजावती सो देख । मुसो नाम बोल । दृष्टीकी गांठ खोल । तूं ग्यानी तूं ग्यानी । उपर दुगानी ।
तीन दमडीया तीन कवडीया । किस लंडीनें लेना । मेरा साहेब तो ऐसा है । दिल दरीयाव ।
महजूत भरीयाव । उभे तो मेरी मागनेकी बाट । काट काट कर छांडी है । हारा देना जाता लेना ।
जो अंदर सोहंसारा । जो बाहेर सोहंसारा । फिर तेरे तैं चोंदी कैसी देउंगा । चोंदी कहे तो बडेबडेकु दियी है ।
भले भलेकु दियी है । तेरे पराशरकूबी चोंदी दियी है । जो दुरगंधसो ख्याल विया है । वेद व्यास पैदा हुवा है ।
तेरे नारदकुबी चोंदी दियी है । पलखम्याने नारदकी किया है । घुसल करते पेट बढाया है । हुकूम करते साठ पोंगडे जनाया है ।
तरे ब्रह्मेकू चोदी दियी है । जो सरस्वती हैंयाल हुवा हैं तो ब्रह्मा बेटी चोद कहला है । तेरे विष्णुकू चोंदी दियी है ।
जो वृंदाके स्मशानमें रह्या । तेरे महादेवकुबी चोंदी दियी है । जो जंगलमे मोहनीके सात हैया हुवा है ।
तेरे बडे देवकूबी चोंदी दियी है । जो आदि औरत आधा मर्द किया है । रहे रहे रहे मुर्गीके । आपने जगाच रहे ।
ज्यगा छोडकर जायगा तो मारते मारते मार खायगा । उपर जबरायेल काटेंगा । दात नीकसकर पसरेगा टांगा ।
फिर क्या माकेपेठ आवेगा । ईसबदल मगरुरपना दूर कर । महजुदसी याद धर । धरेगा तो कैसी धर ।
धरेगा तो जूदा न कर । परका खबुतर किया । टालीका साप बनाया । उडा ना उड जावे ।
सत्यलोककूबी न जावे । सनकादिककी काढी माया । कहे का जनार्दन भस्ति दोज्यक सही बाजेगिरी अल्ल ही अल्ला ॥१॥
ये दील बांदरा रज्या तल बुडके चने । बार बार उठ उठ लेट लेट । कहूं तो चुपीच लेट । तैं मेरा नाम क्या पूछे गा भाई ।
नाम कहूं तो अजप । अवल मुजे नाम नथा । दरभ्यान सौ पैदा हुवा । आलेखनकु बाल पलटाया ।
सलेखनकु मार चलाया । तुटा फाटा न्हाये । उस शेहेरमें हैं पेटा । व्हाबी बडे बडे महाजन बेटे हैं ।
कछु देवे कछु दिलावे । आजका दिन देनेका । आजका दिन लेनेका । दिल जाने सो देख ।
सरजावती सो देख । मुसो नाम बोल । दृष्टीकी गांठ खोल । तूं ग्यानी तूं ग्यानी । उपर दुगानी ।
तीन दमडीया तीन कवडीया । किस लंडीनें लेना । मेरा साहेब तो ऐसा है । दिल दरीयाव ।
महजूत भरीयाव । उभे तो मेरी मागनेकी बाट । काट काट कर छांडी है । हारा देना जाता लेना ।
जो अंदर सोहंसारा । जो बाहेर सोहंसारा । फिर तेरे तैं चोंदी कैसी देउंगा । चोंदी कहे तो बडेबडेकु दियी है ।
भले भलेकु दियी है । तेरे पराशरकूबी चोंदी दियी है । जो दुरगंधसो ख्याल विया है । वेद व्यास पैदा हुवा है ।
तेरे नारदकुबी चोंदी दियी है । पलखम्याने नारदकी किया है । घुसल करते पेट बढाया है । हुकूम करते साठ पोंगडे जनाया है ।
तरे ब्रह्मेकू चोदी दियी है । जो सरस्वती हैंयाल हुवा हैं तो ब्रह्मा बेटी चोद कहला है । तेरे विष्णुकू चोंदी दियी है ।
जो वृंदाके स्मशानमें रह्या । तेरे महादेवकुबी चोंदी दियी है । जो जंगलमे मोहनीके सात हैया हुवा है ।
तेरे बडे देवकूबी चोंदी दियी है । जो आदि औरत आधा मर्द किया है । रहे रहे रहे मुर्गीके । आपने जगाच रहे ।
ज्यगा छोडकर जायगा तो मारते मारते मार खायगा । उपर जबरायेल काटेंगा । दात नीकसकर पसरेगा टांगा ।
फिर क्या माकेपेठ आवेगा । ईसबदल मगरुरपना दूर कर । महजुदसी याद धर । धरेगा तो कैसी धर ।
धरेगा तो जूदा न कर । परका खबुतर किया । टालीका साप बनाया । उडा ना उड जावे ।
सत्यलोककूबी न जावे । सनकादिककी काढी माया । कहे का जनार्दन भस्ति दोज्यक सही बाजेगिरी अल्ल ही अल्ला ॥१॥
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