न होगा यक-बयाबां मांदगी[1] से ज़ौक़[2] कम मेरा
हबाब-ए-मौजा-ए-रफ़्तार[3] है नक़्श-ए-क़दम[4] मेरा
मुहब्बत थी चमन से लेकिन अब ये बेदिमाग़ी है
कि मौजे-बूए-गुल[5] से नाक में आता है दम मेरा
शब्दार्थ:
- ↑ बहुत अधिक थक जाना
- ↑ उत्साह
- ↑ गतिमान तरंग पर बना बुलबुला
- ↑ पद-चिन्ह
- ↑ गुलाब की सुगंध की लहर