फ़रियाद की कोई लै[1] नहीं है
नाला[2] पाबनद-ए-नै[3] नहीं है

क्यूं बोते हैं बाग़-बान तूंबे[4]
गर बाग़ गदा-ए-मै[5] नहीं है

हर-चन्द[6] हर एक शै में तू है
पर तुझ-सी कोई शै नहीं है

हाँ, खाइयो मत फ़रेब-ए-हस्ती[7]
हर-चन्द कहें कि 'है', नहीं है

शादी[8] से गुज़र, कि ग़म न रहवे
उरदी[9] जो न हो, तो दै[10] नहीं है

क्यूं रद्द-ए-क़दह[11] करे है, ज़ाहिद[12]
मै है ये, मगस[13] की क़ै[14] नहीं है

हस्ती है न कुछ अ़दम[15] है 'ग़ालिब'
आख़िर तू क्या है, ऐ, 'नहीं' है

शब्दार्थ:
  1. स्वर माधुर्य, धुन
  2. शोक
  3. बांसुरी पर निर्भर
  4. खट्टा कद्दू
  5. शराब का भिखारी
  6. बेशक
  7. अस्तित्व का धोखा
  8. ख़ुशी
  9. बसंत(महीने का पारसी नाम)
  10. पतझड़(महीने का पारसी नाम)
  11. प्याला तोड़ना
  12. तपस्वी
  13. मधुमकखी
  14. उल्टी,वमन
  15. अवास्तविक
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