शब ख़ुमार-ए-शौक़-ए-साक़ी रस्तख़ेज़[1]-अन्दाज़ा[2] था
ता मुहीत-ए-बादा[3] सूरत-ख़ाना-ए-ख़मियाज़ा[4] था
यक क़दम वहशत से दरस[5]-ए-दफ़तर[6]-ए-इमकां[7] खुला
जादा[8] अजज़ा-ए-दो-आ़लम-दश्त[9] का शीराज़ा[10] था
मान-ए-वहशत-ख़िरामीहा-ए-लैला[11] कौन है
ख़ाना[12]-ए-मजनूं-ए-सहरागिरद[13] बे-दरवाज़ा था
पूछ मत रुसवाई-ए-अन्दाज़-ए-इस्तिग़ना[14]-ए-हुस्न
दस्त[15] मरहून[16]-ए-हिना रुख़सार[17] रहन-ए-ग़ाज़ा[18] था
नाला-ए-दिल ने दिये औराक़[19]-ए-लख़त[20]-ए-दिल ब बाद[21]
यादगार-ए-नाला इक दीवान-ए-बे-शीराज़ा[22] था
हूं चिराग़ां-ए-हवस जूं[23] काग़ज़-ए-आतिश-ज़दा[24]
दाग़[25] गरम-ए-कोशिश-ए-ईजाद-ए-दाग़-ए-ताज़ा[26] था
बे-नवाई[27] तर[28] सदा-ए-नग़मा-ए-शुहरत असद
बोरिया यक नैसितां-आ़लम[29] बुलंद दरवाज़ा था
शब्दार्थ:
- ↑ फैसले की घड़ी
- ↑ ढंग
- ↑ शराब के समंदर के आसपास तक
- ↑ अंगड़ाई की तस्वीर
- ↑ सबक
- ↑ अध्याय
- ↑ उम्मीद
- ↑ रस्ता
- ↑ दो जहान के सहरा
- ↑ जिल्द
- ↑ लैला को पागलों की तरह भाग कर आने से रोकने वाला
- ↑ घर
- ↑ रेगिस्तान में घूमने वाला मज़नूं
- ↑ आजादी
- ↑ हाथ
- ↑ करज़ाई
- ↑ गाल
- ↑ लाली का करज़ाई
- ↑ पन्ने
- ↑ टुकड़े
- ↑ हवा
- ↑ बिना जिल्द की किताब
- ↑ जैसे
- ↑ जला हुआ काग़ज़
- ↑ ज़ख़्म
- ↑ नये ज़ख़्म बनाने की कोशिश में
- ↑ मूकता
- ↑ नया
- ↑ बांस का जंगल